खेलकूद

सेवा प्रकल्प संस्थान द्वारा ग्रामों में 30 खेलकूद केंद्र चलाए जाते हैं। इस खेल प्रकल्प के कारण गांव-गांव में अद्भुत जन जागरण हुआ है और नेतृत्व क्षमता विकसित हुई है। प्रत्येक विकासखंड स्तर पर और फिर चयनित खिलाड़ियों को जिला और अंत में प्रदेश स्तर पर खेलकूद प्रतियोगिताएं आयोजित होती हैं, जिसमें उत्तराखंड के जनजाति ग्रामों से 45% तक प्रतिनिधित्व हो जाता है। 2017-2018 में 28 स्थानों पर खेलकूद और तीरंदाजी प्रतियोगिताएं आयोजित हुईं। 1327 महिला एवं 4990 पुरुष एवं महिला खिलाड़ी सम्मिलित हुए। प्रत्येक तीरंदाजी प्रशिक्षण का आयोजन बारा राणा स्मारक पर जून माह में किया जाता है, जिसमें एशिया स्तर के तीरंदाजों द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है।

लोककला

संस्थान द्वारा समय-समय पर जनजातीय लोककला के कार्यक्रम आयोजित होते हैं। बारा राणा स्मारक में स्थित भगवान शिव का मंदिर जनजातीय समाज की श्रद्धा और आस्था का केंद्र होने के कारण यहां पर प्रत्येक वर्ष ग्रामों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जिससे जनजातीय समाज अपनी अद्भुत कला का विकास कर सके। शारार समाज के लोक गीत एवं परंपरागत देवशैल की प्रस्तुति में संस्थान की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है। लोक संस्कृति ही जनजातियों की विशेष पहचान है, जिसका संवर्धन सेवा प्रकल्प संस्थान के मुख्य कार्यों में से एक है।

भारत विविधताओं का देश है। कला और संस्कृति में विविधता इसकी पहचान है। दुनिया की 25% जनजाति भारतवर्ष में निवास करती है, 750 से अधिक जनजातियों वाला जनजाति समाज जिसकी पहचान इसकी वेशभूषा खान-पान , भाषा आदि की विभिन्नताओं में है जो देश का अभिन्न अंग है।

Contact

Seva Prakalp Sansthan (Reg. No. 317/1980-81) Bala Saheb Deshpande Nikunj, Gandhi Colony, Rudrapur-263153 Udham Singh Nagar, Uttarakhand

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