भारत विविधताओं का देश है। कला और संस्कृति में विविधता इसकी पहचान है। दुनिया की 25% जनजाति भारतवर्ष में निवास करती है, 750 से अधिक जनजातियों वाला जनजाति समाज जिसकी पहचान इसकी वेशभूषा, खान-पान, भाषा आदि की विभिन्नताओं में है जो देश का अभिन्न अंग है।
लेकिन सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से जितनी तरक्की की आवश्यकता थी वह नहीं हो पाई है। वनवासी कल्याण आश्रम जिसकी स्थापना 26 दिसंबर 1952 में स्व. बाला साहेब देशपांडे (रमाकांत केशव देशपांडे) द्वारा वर्तमान छत्तीसगढ़ के जशपुरनगर में हुई थी, जिसका ध्येय जनजाति समाज का विकास और बाकी देशवासियों के बीच सामाजिक, शैक्षणिक अंतर को समाप्त करना है और समरसता निर्माण करना है जिससे जनजाति बंधुओं के बीच मातृभूमि के प्रति समर्पण, निष्ठा और स्वीकार्यता का भाव पैदा हो सके।
देश में जनजाति समाज की जनसंख्या लगभग 12 करोड़ है जो पर्वतों, वनों एवं कुछ मात्रा में नगरों में रहते हैं और प्राचीन काल से लेकर आज तक देश के स्वतंत्रता आंदोलन और राष्ट्रीय संकटों के समय संघर्ष करने में इनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
इन जनजाति बंधुओं के बीच जाकर इनके स्वधर्म और स्वाभिमान संरक्षण का कार्य भी अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम का कार्य अलग-अलग राज्यों में 35 पंजीकृत संस्थाओं के द्वारा अलग-अलग नाम से चलता है।
उत्तराखंड और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में यह कार्य सेवा प्रकल्प संस्थान द्वारा किया जाता है।
सेवा प्रकल्प संस्थान 1980 में पंजीकृत संस्था है जिसे स्व. तिलक राज कपूर जी द्वारा स्थापित किया गया जो उत्तराखंड की 5 जनजातियों के बीच 5 जिलों में अनेक प्रकार की गतिविधियाँ जैसे शिक्षा, खेलकूद, चिकित्सा, स्वावलंबन की गतिविधियाँ चला कर जनजाति समाज के बीच स्वाभिमान जागरण का कार्य कर रहा है।
सेवा प्रकल्प संस्थान का द्रष्टिकोण है कि संस्थान एक उत्प्रेरक बनकर एक स्थायी विकास जनजाति समाज में स्वयं समाज की व्यक्तियो के प्रयासो से ही ला सके। जनजाति समाज सबल बने और उनके विकास का आधार उनकी पंरपरा एवं नैतिक मूल्य हों और देश की तरक्की में जनजाति समाज की सहभागिता भी सुनिश्चित हो सके।
उत्तराखंड में प्रमुख 5 जनजाति निवास करती है।
1 | कुल जनजाति जनसंख्या | 300000 (तीन लाख) |
2 | कुल जनजाति ग्राम | 788 |
3 | कुल संपर्कित ग्राम | 522 |
4 | कुल कार्य युक्त ग्राम | 276 |
क्र. सं. | प्रकल्प | प्रकल्प संख्या |
---|---|---|
1 | छात्रावास | 7 |
2 | शिक्षा (विद्यालय, बाल संस्कार केंद्र, को कंप्यूटर प्रशिक्षण केंद्र, कोचिंग सेंटर) | 234 |
3 | आर्थिक विकास केंद्र | 4 |
5 | ग्राम आरोग्य रक्षक केंद्र | 205 |
6 | खेळकूद केंद्र | 30 |
7 | श्रद्धा जागरण केंद्र | 3 |
8 | अन्य | 4 |
9 | योग | 487 |
भारत विविधताओं का देश है। कला और संस्कृति में विविधता इसकी पहचान है। दुनिया की 25% जनजाति भारतवर्ष में निवास करती है, 750 से अधिक जनजातियों वाला जनजाति समाज जिसकी पहचान इसकी वेशभूषा खान-पान , भाषा आदि की विभिन्नताओं में है जो देश का अभिन्न अंग है।
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