श्रद्धा जागरण

  • भारत की विविधताओं में पारंपरिक धर्म संस्कृति के प्रति आस्था एक प्रमुख बिंदु है। पूरे देश का जनजातीय समाज अपनी मान्यताओं को परंपरा से अनेक रूपों में व्यक्त करता है। ये पारंपरिक मान्यताएं उन्हें जन और देश से जोड़ती हैं, जिससे देश में एकता पैदा होती है। धर्म एवं संस्कृति की रक्षा हेतु अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। उदाहरण के लिए, वर्ष में शिवरात्रि के अवसर पर कई गांवों में स्त्राभिषेक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, जिसके परिणामस्वरूप लोगों में अपनी परंपरा के प्रति आस्था और विश्वास जागृत हुआ है।
  • सावन माह में बारा राणा स्मारक के शिव मंदिर पर जनजातीय महिलाओं द्वारा कलश यात्रा निकाली जाती है।
  • गांव-गांव में साप्ताहिक सत्संग का आयोजन किया जाता है, तथा रक्षाबंधन का कार्यक्रम बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
  • राजा जगत देव (बूक्सा) और राजा राम नेगी (जौनसारी) के लोक इतिहास का दस्तावेजीकरण किया जा रहा है।
  • अपनी सांस्कृतिक विरासत को जानने के लिए पर्यटन और त्योहारों का आयोजन किया जाता है।

भारत विविधताओं का देश है। कला और संस्कृति में विविधता इसकी पहचान है। दुनिया की 25% जनजाति भारतवर्ष में निवास करती है, 750 से अधिक जनजातियों वाला जनजाति समाज जिसकी पहचान इसकी वेशभूषा खान-पान , भाषा आदि की विभिन्नताओं में है जो देश का अभिन्न अंग है।

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